- आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी का मंगल उद्बोधन
न्यूज सौजन्य-राजेश पंचोलिया
श्रीमहावीरजी। आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने आचार्य श्री वर्द्धमान सागर चातुर्मास कमेटी अंतर्गत आयोजित गुरु भक्ति कार्यक्रम में सोमवार को महती धर्मसभा को संबोधित किया। आचार्य श्री ने धर्मसभा में बताया कि महान गुरुजनों का परम आशीर्वाद हमारे सिर पर है। उनके आशीर्वाद से संघ सहित संपूर्ण भारत में हम विहार कर रहे हैं। गुरुजनों के सान्निध्य से आपकी भी तकदीर और तस्वीर बदल सकती है। इसके लिए धर्म का पालन करना होगा। गुरुजनों का महत्व है। उनके सान्निध्य में भगवान बन सकते हैं क्योंकि भगवान बनने का मार्ग गुरुजन बताते हैं।
आचार्यजी ने जानकारी दी कि भगवान श्री शांतिनाथ के पूर्व जैन धर्म की परंपरा खंडित हो गई थी जो भगवान शांतिनाथ के बाद से सतत चल रही है। बीसवीं सदी में मुनि धर्म परंपरा भी, जो पूर्व में खंडित हो गई थी, उसे पुनर्जीवित प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर जी ने किया है। वहीं अक्षुण्ण परंपरा निरंतर चल रही है। आज जितने भी मुनि राज दिख रहे हैं, वह आचार्य श्री शांतिसागर जी की देन हैं।
भक्तों की भक्ति में शक्ति
आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने कहा कि भक्तों की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान की भक्ति से भगवान बनने के मार्ग पर चल सकते हैं। कुछ दिनों बाद दादी- नानी दीक्षा समारोह होगा। स्त्री पर्याय के छेदन के लिए दीक्षा ही सर्वोत्तम मार्ग है।जो संयमपूर्वक समाधि मरण करते हैं, वह शीघ्र ही मुक्ति को प्राप्त करते हैं। इसलिए सभी को धर्म का महत्व समझना चाहिए। टीवी मोबाइल ने जीवन को उलट पलट दिया है। मानव धर्म की संस्कृति को भूल रहा है। इस कारण रहन-सहन खान-पान स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव हो रहा है। हमें उत्तम धर्म का पालन करना चाहिए। उसकी शरण से ही हमें मुक्ति मिल सकती है।
आचार्य श्री का चरण प्रक्षालन
आचार्य श्री के मंगल उद्बोधन के पूर्व मंगलाचरण श्री अंजू जैन महावीर जी ने किया। टोंक के आमंत्रित अतिथियों द्वारा भगवान श्री महावीर स्वामी के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्जवलन किया। प्रथमाचार्य आचार्य श्री शांति सागर जी सहित सभी पूर्वाचार्यो को अर्ध संघस्थ श्रावक- श्राविकाओं एवं समाज के लोगों ने किया। वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी जी का पूजन नेहा दीदी ने कराई। आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन का सौभाग्य निखार क्रिएशन पाटनी परिवार जयपुर को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन श्री मुकेश जी ने किया। राजेश पंचोलिया, इंदौर ने बताया कि टोंक से पधारे श्रावकों ने वर्ष 2023 के चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंट किया।